कल तलक मशहूर था, ये बाग़ फूलों के लिये

कल तलक मशहूर था, ये बाग़ फूलों के लिये आज आरक्षित है कीकर और बबूलों के लिये   हादिसे इस शहर में पहले भी होते थे मगर लोग लड़ते थे तो लड़ते थे उसूलों के लिये   करना होगा कितना पश्चाताप सोचा है कभी आने वाली नस्ल को हम सबकी भूलों के लिये   बेटियाँ … Continue reading कल तलक मशहूर था, ये बाग़ फूलों के लिये